Waaree Energies Vs Premier Energies : भारत का सौर ऊर्जा क्षेत्र अब नई ऊंचाइयों को छू रहा है. 2025 के मध्य तक देश की कुल सोलर इंस्टॉल्ड क्षमता 116 GW को पार कर चुकी है और सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक इसे 280 GW तक पहुंचाया जाए. इस मिशन में दो दिग्गज कंपनियां Waaree Energies और Premier Energies सबसे आगे हैं. दोनों कंपनियों के बीच मुकाबला न सिर्फ भारतीय बाजार में बल्कि ग्लोबल सोलर इंडस्ट्री में भी चर्चा का विषय बन गया है. आइए जानते हैं कि आखिर इन दोनों में कौन है सोलर सेक्टर का असली किंग.
Waaree Energies Vs Premier Energies
भारत सरकार लगातार सोलर एनर्जी को बढ़ावा दे रही है. योजनाएं जैसे PM-KUSUM और PM Surya Ghar Muft Bijli Yojana ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में सौर ऊर्जा की पहुंच बढ़ा रही हैं. इसके अलावा Production Linked Incentive (PLI) स्कीम ने घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को नई उड़ान दी है. इसका सीधा लाभ Waaree Energies और Premier Energies जैसी कंपनियों को मिल रहा है, जिन्होंने तेजी से अपनी प्रोडक्शन क्षमता और ऑर्डर बुक बढ़ाई है.
Waaree Energies Share Price Details
अगर ऑर्डर बुक की बात करें तो यहां Waaree Energies का दबदबा साफ नजर आता है. सितंबर 2025 तक कंपनी के पास ₹47,000 करोड़ का मजबूत ऑर्डर बुक है, जिसमें से 59.5% भारत से और 40.5% विदेशी बाजारों से हैं. इसका मतलब है कि Waaree की ग्लोबल फूटप्रिंट काफी मजबूत है. वहीं, Premier Energies के पास ₹13,249.6 करोड़ का ऑर्डर बुक है जो 9,114 MW क्षमता को दर्शाता है. हालांकि यह पूरी तरह घरेलू बाजार पर आधारित है, लेकिन तेजी से विस्तार करने की रणनीति के चलते Premier आने वाले समय में और मजबूत हो सकती है.
Waaree Energies Vs Premier Energies Performance
वित्तीय मोर्चे पर भी Waaree Energies ने शानदार प्रदर्शन किया है. कंपनी ने Q2 FY26 में 70% साल-दर-साल ग्रोथ दर्ज की और ₹6,066 करोड़ का रेवेन्यू हासिल किया. इसका नेट प्रॉफिट 133% बढ़कर ₹878 करोड़ हो गया.
वहीं Premier Energies ने 20% सेल ग्रोथ के साथ ₹1,837 करोड़ का रेवेन्यू दर्ज किया और इसका नेट प्रॉफिट 72% बढ़कर ₹353 करोड़ पहुंचा. हालांकि Premier की ग्रोथ दर भी अच्छी है, लेकिन रेवेन्यू और मुनाफे में Waaree Energies फिलहाल कहीं आगे है.
Waaree Energies Vs Premier Energies Business Model
शेयर बाजार में भी Waaree Energies ने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है. कंपनी का मार्केट कैप ₹94,205 करोड़ है और इसका शेयर ₹3,276 पर बंद हुआ, जिसने पिछले एक साल में 40.8% का रिटर्न दिया. इसके मुकाबले Premier Energies का मार्केट कैप ₹47,084 करोड़ है, लेकिन इसके शेयर ने एक साल में 11% का निगेटिव रिटर्न दिया है. यानी निवेशकों के भरोसे और रिटर्न दोनों मामलों में Waaree फिलहाल बढ़त बनाए हुए है.
Waaree Energies Vs Premier Energies Investment Plan
विस्तार के मोर्चे पर भी दोनों कंपनियां तेजी से काम कर रही हैं. Premier Energies अपनी Naidupeta (आंध्र प्रदेश) यूनिट की सोलर सेल कैपेसिटी को 4.8 GW से बढ़ाकर 7 GW तक कर रही है. जून 2026 तक इसका 4.8 GW हिस्सा और सितंबर 2026 तक बाकी 2.2 GW चालू होने की योजना है. दूसरी ओर, Waaree Energies ने Chikhli में 2.75 GW नई क्षमता जोड़ी है और ₹8,175 करोड़ के बड़े Capex की घोषणा की है. कंपनी अब Battery Storage (BESS), Electrolyser और Inverter Manufacturing में भी कदम रख रही है, जिससे इसका बिजनेस और डाइवर्सिफाई हो जाएगा.
Conclusion
दोनों कंपनियां भारत की Green Energy Revolution में अहम भूमिका निभा रही हैं. लेकिन मौजूदा हालात देखें तो Waaree Energies मार्केट कैप, रेवेन्यू, मुनाफे और ग्लोबल उपस्थिति — चारों मोर्चों पर आगे है. वहीं, Premier Energies घरेलू बाजार में अपनी पकड़ और विस्तार योजनाओं के दम पर तेज़ी से ग्रोथ कर रही है. अगर बात वर्तमान की करें, तो Waaree Energies फिलहाल भारत के सोलर सेक्टर की बादशाह कही जा सकती है, लेकिन Premier Energies भी इस रेस में पीछे नहीं है.




